Pandit Sunderlal Sharma Central Institute of Vocational Education


पीएसएससीआईवीई में इंडो-फ़िनिश परियोजना पर फ़िनलैंड प्रतिनिधियों के साथ सहयोगात्‍मक बैठक एवं कार्यशाला आयोजित

पीएसएससीआईवीई में इंडो-फ़िनिश परियोजना पर फ़िनलैंड प्रतिनिधियों के साथ सहयोगात्‍मक बैठक एवं कार्यशाला आयोजित:

देश में व्यावसायिक शिक्षा, व्‍यावसायिक शिक्षक प्रशिक्षण तथा इंडो-फ़िनिश परियोजना को पूरा करने को लेकर पं. सुंदरलालशर्मा केन्‍द्रीय व्‍याव‍सायिक शिक्षा संस्‍थान (पीएसएससीवीई) में फ़िनलैंड के प्रतिनिधियों के साथ सहयोगात्‍मक बैठक एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। गुरूवार 25 अगस्‍त, 2022 से आयोजित इस कार्यशाला में मध्‍यप्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय की अतिरिक्‍त परियोजना निदेशक मनीषा सेठिया मुख्‍य अतिथि के रूप में अपने वक्‍तव्‍य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा निर्देशित उद्देश्यों की प्राप्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें वर्ष 2025 तक 50% बच्चों को एवं वर्ष 2030 तक 100% बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ना है, जिसके लिए यह बैठक नींव का पत्‍थर साबित होगी। इस दौरान उन्‍होंने प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की गुणवत्ता एवं बेहतरी की बात कही। इस दौरान फ़िनलैंड से आए प्रतिनिधि डॉ. ग्रैहम बर्न्स ने कहा कि यह कार्यशाला भारत एवं फ़िनलैंड के व्यावसायिक शिक्षण को बेहतर बनाने के लिए एक अतुलनीय पहल है, जिसका वे समय-समय पर क्रियान्वयन करते रहेंगे। वहीं यूहा हाउटनेन ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षकों की प्रशिक्षण में एप्लाइड साइंस इंटेग्रेशन करने की जरूरत है। इस दौरान उन्‍होंने जैमबोर्ड के माध्‍यम से एक सामूहिक गतिविधि भी आयोजित की। 

पीएसएससीआईवीई के संयुक्त निदेशक डॉ. दीपक पालीवाल ने अपने उद्बोधन में व्यावसायिक शिक्षा की वर्तमान स्थिति एवं नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए निर्देशात्मक बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होंने कार्यशाला में फिनलैंड से आए प्रतिनिधियों जेएनटीएल के परियोजना प्रबंधक डॉ. ग्रैहम बर्न्स एवं जेएएमके यूनिवर्सिटी के यूहा हाउटनेन का शॉल-श्रीफल भेंटकर भारतीय परंपरा से स्वागत किया। कार्यक्रम में क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान भोपाल के प्राचार्य प्रोफेसर जयदीप मंडल, कार्यक्रम समन्‍वयक प्रोफेसर विनय स्वरुप मेहरोत्रा, आईसेक्ट ग्रुप के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी सहित संस्थान के प्राध्यापक एवं व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे विशेषज्ञों ने भाग लिया। 

इस दौरान आईसेक्ट के निदेशक सिद्दार्थ चतुर्वेदी ने व्यावसायिक शिक्षण के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नई एजुकेशन पॉलिसी के क्रियान्वयन के लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण भी बेहद महत्‍वपूर्ण है। उन्‍होंने कहा कि देश के व्यावसायिक ढाँचे में इंटर्नशिप एवं अपरेंटिसशिप बहुत जरूरी है, इसके माध्‍यम से वर्किंग स्ट्रक्चर में गतिशीलता आएगी। इस दौरान उन्‍होंने स्‍थानीय भाषा में पाठ्क्रम शुरू करने की भी बात कही। 

पायलट कार्यक्रम में सीखेंगे वीईटी शिक्षक

इस दौरान डॉ. ग्रैहम बर्न्स ने 30 वीईटी शिक्षकों के लिए दो वर्षीय पायलट प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा का प्रस्ताव भी पेश किया, जिसमें डिजिटल शिक्षाशास्त्र को बढ़ावा देने, व्यावहारिक डिजिटल कौशल में सुधार व समावेश, मार्गदर्शन और परामर्श कौशल के लिए पद्धति विकसित करने, मिश्रित शिक्षण प्रारूप में पाठ्यक्रम डिजाइन करने पर कार्य किया जाएगा। 

ये रहेंगे कमेटी में 

इस कमेटी में एनसीईआरटी के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के निदेशक, पीएसएससीआईवीई के सीडीईसी प्रमुख, 10 शिक्षक शिक्षक/सुपर ट्यूटर/संरक्षक, 30 वीईटी समन्वयक एवं शिक्षक, फ़िनलैंड जेएएमके यूनिवर्सिटी ऑफ़ एप्लाइड साइंसेज के परियोजना प्रबंधक तथा चार शिक्षक और परियोजना प्रशासक शामिल रहेंगे। अंत में कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रर्दशन प्रो. विनय स्वरूप मेहरोत्रा द्वारा किया गया।

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